UGC के मुताबिक एक यूनिवर्सिटी तभी डिग्री ग्रांट कर सकती है अगर वो सेंट्रल, स्टेट और प्रोविंशियल एक्ट और किसी भी डीम्ड यूनिवर्सिटीज के तहत आती हों। हाल ही में UGC ने उन यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी की है जो फेक हैं और उनकी डिग्री को कोई भी मान्यता प्राप्त नहीं है। इसमें दिल्ली की 8 और यूपी की चार यूनिवर्सिटीज का नाम भी आगे आया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने   20 विश्वविद्यालयों को "फर्जी" घोषित कर दिया। आयोग की तरफ से कहा गया है इन यूनिवर्सिटीज को डिग्री देने का कोई अधिकार नहीं है। राजधानी दिल्ली में कुल 8 फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा "यूजीसी के संज्ञान में यह आया है कि कई संस्थान यूजीसी अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत डिग्री प्रदान कर रहे हैं। ऐसे विश्वविद्यालयों की तरफ से प्रदान की गई डिग्री न तो मान्यता प्राप्त होगी और न ही उच्च शिक्षा या रोजगार के उद्देश्य से मान्य होगी। इन विश्वविद्यालयों को डिग्री देने का कोई अधिकार नहीं है। 
दिल्ली की इन यूनिवर्सिटीज को घोषित किया गया फर्जी
दिल्ली में आठ फर्जी विश्वविद्यालय हैं। जिनमें अखिल भारतीय सार्वजनिक और शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान, कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड दरियागंज, संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, व्यावसायिक विश्वविद्यालय, एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, भारतीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग संस्थान, स्व-रोजगार के लिए विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा यूजीसी की तरफ से आध्यात्मिक विश्वविद्यालय (आध्यात्मिक विश्वविद्यालय) को फर्जी घोषित किया गया है।यूपी की इन 4 विश्वविद्यालयों को घोषित किया गया फर्जी
आयोग की तरफ से यूपी की चार विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया गया है। जिनके नाम क्रमश: गांधी हिंदी विद्यापीठ, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय (मुक्त विश्वविद्यालय) और भारतीय शिक्षा परिषद। इसके अलावा यूजीसी की तरफ से कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल की भी कुछ यूनिवर्सिटीज को फर्जी घोषित किया गया है।

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